भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याण महोत्सव मनाया गया
हिमांशु जैन/करहल। जैन धर्म के 23वें तीर्थकर श्री 1008 भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याण महोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। कस्बा करहल में स्थित श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ जिनालय (बड़ा मंदिर) मे भगवान पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा की शांतिधारा कर विशेष पूजा-अर्चना कर विधान के बाद निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। जिसमें आधा सैकड़ा से अधिक बाहर से आए श्रद्धालुओं कार्यक्रम का हिस्सा बने।
जबलपुर से आये विद्वान राजेंद्र कुमार जैन व विराग शास्त्री ने बताया सावन माह के शुक्ल पक्ष सप्तमी के दिन ही जैन धर्म के 23वें तीर्थकर भगवान् पार्श्वनाथ को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इसलिए इस दिन को उनके मोक्ष कल्याण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर प्रकाश चंद्र जैन,शिवकांत जैन, भद्र कुमार जैन, सुनील जैन, रीता जैन, लाली जैन जसवंतनगर,हिमांशु जैन पत्रकार, वविता जैन, विनोद जैन, नरेश जैन, रविकांत जैन, चिद्रूप जैन, अरविंद जैन, विष्णु जैन, विजय जैन, अजय कुमार जैन, आदेश जैन आदि समाज के लोग मौजूद रहे।
जैन धर्म में मोक्ष प्राप्त करने को ख़ासा महत्वपूर्ण माना जाता है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जैन धर्म में विशेष रूप से मोक्ष प्राप्ति को ख़ासा महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मोक्ष की प्रति होना जीवन का सार्थक होना माना जाता है। जैन धर्म के अनुसार जब तक मनुष्य इस संसार में जीवित रहता है तब तक उसे कोई ना कोई चिंता जरूर सताती है और ऐसे में मोक्ष का कोई अर्थ नहीं रह जाता। लेकिन जब किसी को पूर्णतया मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है तो उसके जीवन का अर्थ सार्थक हो जाता है। इस मान्यता के साथ जैन धर्म के अनुयायी इस दिन को मोक्ष सप्तमी के रूप में मनाते हैं।
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